एजेंसी. जहाँ एक तरफ कई सिंगल्स इस बात का मातम मना रहे हैं कि वैलेंटाइन्स के दिन उनके पास कोई गर्लफ्रेंड-बाॅयफ्रेंड नहीं है वहीं दूसरी तरफ 2017 में भी कुछ कपल्स ऐसे हैं जो कि वैलेंटाइन्स डे मनाने की कोई तैयारी नहीं कर रहे। दस साल से रिलेशनशिप में रहे अनुजा और विवेक ने बताया कि ”आई थिंक हमने कभी वैलेंटाइन्स डे नहीं मनाया, इनफैक्ट हमारे लिये तो एवरी डे इज़ वैलेंटाइंस डे। इसके लिये एक अलग दिन रखने का तो कोई मतलब समझ नहीं आता। हमारे लिये वो दिन वैलेंटाइन है जब हम रिलेशनशिप में आए थे।”

एक दूसरे कपल ने बताया कि ”ये सब मार्केटिंग का नतीजा है, पहले के ज़माने में कहाँ था ये वैलेंटाइन्स, क्या तब कपल्स के बीच में प्यार नहीं था? ये बस बाज़ार में कार्ड, टैडी बीयर और तरह तरह के सामान महँगे दामों पर बेचने के लिये चालबाज़ी है। पहले का ज़माना ठीक था, आज के टाइम तो जब तक 14 तारीख को 10-15 हज़ार का खर्चा ना कर दें तब तक वैलेंटाइन नहीं मनता।”
इस बात का संज्ञान लेते हुए वित्त मंत्री ने यह ऐलान किया है कि ”वैलेंटाइंस के दिन खर्चा ना करने वाले कपल्स इकाॅनमी में कोई योगदान नहीं दे रहे इसी कारण ऐसे जोड़ो को 10 प्रतिशत सेस देना होगा।” यह खबर सुनते ही वो गर्लफ्रेंड्स और पत्नियाँ खुश हो गईं जो वैलेंटाइन्स मनाना चाहती थीं पर उनके बाॅयफ्रेंड्ज़ और पतियों को कोई दिलचस्पी नहीं थी।
हाउसवाइफ विनीता ने बताया कि ”पिछले हफ्ते से इन्हें हिंट दिये जा रही हूँ कि इस साल वैलेंटाइन्स पर कुछ ले आएं पर कल रात इन्होनें साफ कह दिया कि यह सब ढकोसलेबाज़ी है इन सब चक्करों में पैसा बरबाद करने का कोई मतलब नहीं। पर अब लग रहा है कि सेस बचाने के चक्कर में ये शायद कुछ गिफ्ट ले आएँ।” वहीं पति वर्ग इस सेस से खासा नाराज़ है। कई सालों से वैलेंटाइन्स पर गिफ्ट के पैसे बचाते आ रहे परिवेश का कहना है कि ”ये अजीब ज़बरदस्ती है गिफ्ट दो तो खर्चा ना दो तो भी खर्चा। मैं तो अब तलाक देने की सोच रहा हूँ।”