नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस के मौके पर अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करने वाले शूरवीरों को सम्मानित किया जाता है । लेकिन इस बार का गणतंत्र दिवस कुछ ख़ास रहा क्यूँकि भारतीय सेना को उनके पराक्रम शौर्य और बलिदान के लिए दिए जाने वाले शौर्य पदक की तर्ज़ पर इस बार अन्य कुछ तथाकथित “सेनाओं” को “शर्म” पदक भी दिए गए ,जिसमे “भगड़ोपरांत” शरमवीर चक्र भी शामिल है ।
इस श्रेणी में वो बहुचर्चित ऑपरेशन “पद्मावत” भी शामिल है जिसमें अदम्य साहस का परिचय देते हुए स्कूल बस पर आक्रमण किया गया था । इस ऑपरेशन को कामयाब बनाने में करणी सेना की ख़ुफ़िया एवं घातक रेजिमेंट के एलीट राजपूत कमांडो का प्रमुख योगदान रहा था ।
अपने अदम्य साहस, धैर्य एवं वीरता पूर्ण कौशल का परिचय देते हुए इन तथाकथित “कमांडो” ने बच्चों से खचा-खच भरी स्कूल बस पर धावा बोल कर पद्मावत का विरोध दर्ज कराया । अपने लक्ष्य के प्रति कटिबद्ध वीर “करणी” सैनिको ने फूलप्रूफ योजना के तहत , स्कूल में पद्मावत मूवी देखने जा रहे बच्चो की बस पर पत्थर बरसाना चालू कर दिए । चीते सी रफ़्तार से किये गए इस शत्रुभेदी प्रहार से बच्चो को संभलने का ज़रा भी मौका नहीं मिला और वे अपनी जान बचाने के लिए बस फ्लोर पर रेंगते हुए नज़र आये । इस साहसिक कार्यवाही से वो सारे बच्चो को एक झटके में आतंकित करने में कामयाब रहे ।
बच्चो की जान को जोखिम में डाल कर इस ऑपरेशन को कामयाब बनाने में कप्तान करणी सिंह राज पूत(‘क’) का विशेष योगदान रहा । अपनी जांबाज़ टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए उन्होंने “लोक-निंदा” और “कायरता” के तमगे की भी परवाह नहीं की और बच्चो को स्कूल में पद्मावत देखने जाने से सफलता पूर्वक रोका। लेकिन दुःख की बात ये है की उन्हें इस ऑपरेशन के तुरंत बाद भागना पड़ा । इसलिए भारत सरकार ने उनके इस अदम्य साहस के लिए “भगड़ोपरांत” शर्म वीर चक्र से सम्मानित किया ।
इस ऑपरेशन की जानकारी खुद करणी सेना के DGMO लोकेन्द्र सिंह कालवी ने प्रेस कांफ्रेंस करके दी । साथ ही में उन्होंने निस्वार्थ भाव (संभवतः शर्मिंदगी) को प्रकट करते हुए इस ऑपरेशन का श्रेय लेने से भी मना कर दिया । लेकिन भारत सरकार ने इन शर्मवीर जवानो की वीरता को पहचानते हुए शर्म-चक्र से सम्मानित करने का निर्णय लिया । सरकार का मानना है की शौर्य चक्र के साथ साथ शर्म चक्र भी दिए जाने चाहिए जिससे की भारतीयों नागरिको को पता चले की कुछ जगह अपनी तथाकथित “वीरता” न दिखाना भी देश के प्रति एक कर्त्तव्य है । और इस कर्त्तव्य का निर्वाहन करने में यदि कुछ लोग मूवी देख भी ले तो भी देश के लिए ये एक बहुत बड़ी सेवा कहलायी जायेगी ।
ये सम्मान राष्ट्रपति जी द्वारा गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित रंगारंग भव्य कार्यक्रम के दौरान ASEAN देशो के प्रतिनिधियों के बीच में दिया गया ।