एजेंसी. चंडीगढ़ पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए पीछा करने के आरोपी दोनों लड़कों को क्लीन चिट दे दी है और पीड़िता लड़की के ख़िलाफ़ केस दर्ज़ कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, वो लड़की ड्राइविंग करते समय मोबाइल पर बात कर रही थी, और ये दोनों लड़के उसे ऐसा करने से रोकने के लिये ही उसकी कार का पीछा कर रहे थे। पुलिस ने दोनों लड़कों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिये सम्मानित करने का भी फ़ैसला किया है।

डीेएसपी सतीश कुमार ने उन्हें क्लीन चिट देते हुए कहा कि “इन दोनों लड़कों ने उस लड़की को मोबाइल पर बात करने से रोकने के लिये अपनी जान की बाज़ी लगा दी। इन्होंने उसकी गाड़ी पर हाथ भी मारा लेकिन वो फिर भी बात करती रही। मजूबर होकर इन्होंने उसकी कार का दरवाज़ा खोलने की भी कोशिश की। इन्होंने ठान लिया था कि एक्सीडेंट से बचाने के लिये ये उसे मोबाइल पर बात नहीं करने देंगे!”
“हम मानते हैं कि इन्होंने उसकी कार का पीछा किया और ग़लत ढंग से रोकने की कोशिश भी की। लेकिन ये सब इन्होंने नेक इरादे से किया। ये सिर्फ़ उसे समझाना चाहते थे कि ‘बहन, गाड़ी चलाते टाइम फ़ोन पे बात नहीं करते!'”
इसके बाद डीएसपी ने बताया कि लड़की के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली गयी है। उस पर ड्राइविंग करते समय मोबाइल पर बात करने के लिये ‘मोटर वाहन अधिनियम, 1988’ की धारा 184 के तहत केस ठोक दिया गया है, जिसमें छह महीने की सज़ा और एक हज़ार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि अब हम इन दोनों लड़कों के नाम बहादुरी पुरस्कार के लिये राष्ट्रपति जी के पास भेजने वाले हैं।