नयी दिल्ली. सरकार ये मानने को तैयार ही नहीं है कि GST आने से कई वस्तुओं के दाम अनाप-शनाप बढ़ गए हैं। आज खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी इसका अहसास हो गया, जब उन्होंने पहली बार GST वाला बिल देखा। बिल देखते ही उनके भी मुंह से भी निकल गया, “ऐसा कैसे हो सकता है? हम तो कुछ और ही सोच रहे थे!” दरअसल, कल शाम को वो अपने लिए एक नया चश्मा खरीदने के लिए कनॉट प्लेस पहुंचे हुए थे।

पहुँचते ही जेटली जी ने दुकान के मालिक रोशनभाई ऐनकवाला से कहा “चलिए! मेरे लायक कोई अच्छा सा चश्मा दिखाइए!” रोशनभाई एक शानदार चश्मा दिखाते हुए बोले, “ये लीजिए! लेटेस्ट मॉडल, आपको इसमें टैक्स-वैक्स, सेस-वेस, एकदम साफ़ नज़र आएगा! ये आपको बुरी नज़रों से भी बचाएगा!” -कहते हुए उन्होंने खुद चश्मा जेटली जी को पहना दिया, और पास में ही रखी एक मैग्जीन उन्हें थमाते हुए बोले, “अब ज़रा, इसे पढ़के बताइए!”
मैग्जीन देखकर जेटली जी भड़क गए, “इसे पढ़ के मैं क्या करूँगा! ये सब मैं नहीं पढ़ता, अपना ITR दिखाओ! वही पढूंगा मैं, वही जमता है मुझे!” मंत्री जी का आदेश सुनकर रोशनभाई सकपका गए। उन्होंने दराज से अपना ITR ढूंढकर निकाला और जेटली जी को थमा दिया। “अच्छा है! बिल्कुल साफ़-साफ़ दिख रहा है! टैक्स आपने टाइम पर जमा करा दिया था, बहुत अच्छे! ऐसे लोगों की ही मुझे जरूरत है!” -जेटली ने ITR पर नज़र दौड़ाते हुए कहा।
लेकिन जैसे ही रोशनभाई ने उन्हें बिल थमाया, तो उसमें GST का रेट देखकर उन्हें चक्कर आ गया। वो दीवार का सहारा लेकर बैठ गये और बोले- “ये चश्मा इतना महंगा कैसे हो गया? मुझे लूट रहे हो क्या?” यह सुनकर रोशनभाई ने जवाब दिया, “भला आपको कौन लूट सकता है, आप तो खुद..। खैर, जाने दीजिए! आप किस दुनिया में रहते हैं मंत्री जी, आपको तो मालूम ही होगा, ये GST का चमत्कार आपने ही तो किया है!”
“मैंने पिछली बार भी तो इसी दुकान से चश्मा लिया था, तब तो इतना महंगा नहीं था!” -जेटली जी ने गुस्से में कहा। “तब GST भी तो नहीं था ना गुरुदेव! अब आप पैसे दीजिए और चलते बनिए!” -रोशनभाई ने भी तेवर दिखाए। इतना कड़वा जवाब सुनकर जेटली जी ने सोचा कि इससे बहस करना बेकार है, उन्होंने पैसा दिया और बड़बड़ाते हुए दुकान से निकल गए। इस तरह सिर्फ़ एक जीएसटी वाला बिल दिखाकर ही एक चश्मे वाले ने वित्त मंत्री जी की आँखें खोल दी।